मां बनने से पहले...

 मां बनने से पहले...

आम तौर पर गर्भवती होने के बाद महिलाओं को तरह-तरह की हिदायतें दी जाती हैं – यह खाओ, यह मत खाओ। बच्चे के लिए यह अच्छा है, वह अच्छा नहीं है। मगर खास तौर पर हमारे देश में फर्टि‍लिटी डायट या मां बनने की तैयारी में अपने खान-पान को बेहतर बनाने पर खास ध्यान नहीं दिया जाता है। पहले लड़कियों का विवाह कम उम्र में हो जाता था, जिसके कारण उन्हें फर्टिलिटी को लेकर अधिक समस्याएं नहीं होती थीं। मगर आजकल लड़कियों द्वारा पढ़ाई और कॅरियर पर अधिक ध्यान दिए जाने से विवाह की उम्र बढ़ते-बढ़ते 30 पार पहुंच गई है, जिस समय डॉक्टरों के मुताबिक फर्टिलिटी में कमी आने की शुरुआत हो जाती है। ऐसे में अधिक जरूरी है कि लड़कियां मां बनने का फैसला करने के बाद अपने खान-पान और जीवनशैली में उचित बदलाव लाएं ताकि उन्हें गर्भ धारण करने और उसके आगे कोई परेशानी न हो।

हेल्दी डाइट

भोजन और फर्टिलिट का आपस में गहरा संबंध है और यह स्त्री तथा पुरुष दोनों पर लागू होता है। हेल्दी डाइट असल में अलग-अलग तरह के आहारों का संतुलित सेवन है। दिन में कम से कम पांच बार फल-सब्जी खाएं। फलों के रस की बजाय सीधे फल खाएं। कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की संतुलित मात्रा लें। हर भोजन में किसी न किसी रूप में प्रोटीन को शामिल करें, चाहे वह लीन मीट और पोल्ट्री, मछली या अंडे हों या दालें और फलियां। दूध, दही और चीज के रूप में कैल्शियम को अपने डाइट का हिस्सा बनाएं। आयरन के लिए अपने आहार में लाल मांस, दालें, सूखे मेवे, हरी सब्जियां, आदि शामिल करें। इनसे आपको गर्भावस्था के लिए जरूरी आयरन मिल सकता है। विटामिन सी युक्त पदार्थों जैसे नीबू पानी, संतरा, मौसमी या आंवला का सेवन करें

वजन को काबू में रखें

जहां तक संभव हो, वजन को संतुलित रखने की कोशिश करें। आपका बीएमआई आदर्श रूप से 20 से 25 के बीच होना चाहिए। अधिक या कम वजन गर्भ धारण करने में मुश्किलें पैदा कर सकता है। अगर आपका वजन कम है, तो कम वजन वाला शिशु होने का खतरा रहता है। अधिक वजन वाली महिलाओं को गर्भ धारण करने के बाद कई कांप्लीकेशंस हो सकते हैं। इसलिए अभी से खान-पान के स्वस्थ विकल्प चुनें जिन्हें आप गर्भ धारण करने के बाद भी जारी रख सकें। क्रैश डाइटिंग से वजन कम करने फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है। इसलिए वजन घटाने के स्वस्थ तरीकों का प्रयोग करें। हल्का-फुल्का व्यायाम और तली-भुनी चीजों से परहेज फायदेमंद हो सकता है।

इन चीजों का रखें ध्यान:

सुबह का नाश्ता जरूर करें। सुबह के नाश्ते में स्वास्थ्य वर्धक चीजें जैसे दलिया, फल आदि खा लेने से बाद में अस्वास्थ्यकर चीजों के खाने की संभावना कम हो जाएगी। भोजन की मात्रा कम कर दें और ज्यादा बार में थोड़ा-थोड़ा करके खाएं। कुछ हेल्दी स्नैक्स हमेशा अपने साथ रखें ताकि भूख लगने पर आप अस्वास्थ्यकर खाने से बच सकें।

फोलिक एसिड

गर्भ धारण करने से पहले डॉक्टर आपको फोलिक एसिड का सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकती है। आम तौर पर भारतीयों के आहार में फोलेट की कमी होती है लेकिन सही आहार लेने पर आप शरीर में फोलिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं। फोलेट फॉलिक एसिड का ही एक प्रकार है जो कुदरती रूप में पाया जाता है। गहरी हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, सरसों, मेथी, बथुआ आदि में पर्याप्त रूप से फोलेट होता है। खट्टे फलों, मेवों, तिल, साबुत अनाज, ब्राउन राइस आदि भी फोलेट के स्रोत हैं।

डेंटिस्ट से मिलें

दांतों को स्वस्थ रखने की आदत अभी से डालें। प्रेगनेंसी से पहले अपने दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ बनाएं। गर्भावस्था में मसूड़ों की समस्या होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है और मसूड़ों की बीमारी समय से पहले लेबर पेन को प्रेरित कर सकती है। इससे बचने के लिए अपने दांतों पर ध्यान दें

इन चीजों से परहेज करें

यदि आप शराब का सेवन करती हैं, तो मां बनने की तैयारी करने से पहले उसकी मात्रा कम या बंद कर दें। कई बार अल्कोहल के कारण गर्भ धारण करने में मुश्किल होती है। साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान ड्रिंक करने से बच्चे में जन्मजात समस्याएं और लर्निंग प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।

रेटिनॉल (एक तरह का विटामिन ए) की अधिकता वाले भोजन न खाएं। गर्भवती होने के बाद शरीर में रेटिनॉल की अधिक मात्रा गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है। विटामिन ए वाली सब्जियों का सेवन किया जा सकता है। ऐसे सीफूड और मछली न खाएं, जिनमें मर्करी होता है जैसे शार्क, आदि। वसायुक्त, मसालेदार और अधिक नमक-शक्कर वाले भोजन से परहेज करें। जीवनशैली और आहार में ऐसे बदलाव लाकर आप एक स्वस्थ गर्भावस्था की तरफ बढ़ सकती हैं।

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